दोस्ती......
अजनबी थे आप हमारे लिए,
दोस्त बनकर आए दोस्ती के लिए,
खुदा से दुआ माँगा था आप जैसी दोस्त के लिए,
दोस्ती की प्यार भर गई हमारे दिल में आप के लिये
अब, हम नाराज़ है उस खुदा से जो मेरे दोस्त को अलग कर रहा है
पर खुश है हम, क्यूँ की खुदा सिर्फ़ आप को दूर कर सकता है ,
लेकिन हमारी दोस्ती को नही, जो हमारे दिल में रहता है,
आखरी धड़कन के साथ हमेशा के लिये.......
bahut khoob !
ReplyDeletenice. narayan narayan
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है....
ReplyDeleteआप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
ReplyDeleteलिखते रहिये
चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है
गार्गी
namaskar mitr,
ReplyDeleteaapki kavitayen padhi , sab ki sab behatreen hai .. aapki kavitao me jo bhaav hai ,wo bahut hi gahre hai ..
aapko badhai .. dosti ke upar likhi gayi ye kavita acchi lagi ..
dhanywad.
meri nayi kavita " tera chale jaana " aapke pyaar aur aashirwad ki raah dekh rahi hai .. aapse nivedan hai ki padhkar mera hausala badhayen..
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/05/blog-post_18.html
aapka
Vijay