
न जाने क्यूँ दिल जोर से धड़कने लगता था
शायद उस दिल को कुछ कहना था आपसे
बेचारा शर्माता था ... !!
जब भी हम आपको देखते थे
जाने क्यूँ मेरे आँखों में रौशनी आती थी
शायद कुछ दिखाना चाहते थे ये आँखें,
बेचारे सपनो में खो जाते थे …॥
जब भी आप हमसे बात करते थे
जाने क्यूँ मेरे होंठ सुक जाते थे ,
शायद उसे कुछ लेना था आपसे
बेचारे चुप हो जाते थे …॥
जब भी हमे आपकी याद आती थी ,
हमे प्यार का एहसास होता था ,
कैसे कहूं में आपसे यह सब बातें
शायद आपको ही समज लेना था …॥
अगर आप भी हमे प्यार करते थे ,
तो , आप ही समज लेते ते इन धडकनों को
हमे पता है की आप भी महसूस कर रहे थे
पर देर क्यूँ है मुझसे ये बात कहने को …॥